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TANTRA ASTROLOGY REMEDIES

पूजापाठ से सम्बंधित तीस आवश्यक नियम !!!!!!

पूजापाठ से सम्बंधित तीस आवश्यक नियम !!!!!!

 सुखी और समृद्धिशाली जीवन के लिए देवी-देवताओं के पूजन की परंपरा काफी पुराने समय से चली आ रही है। आज भी बड़ी संख्या में लोग इस परंपरा को निभाते हैं।

 पूजन से हमारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, लेकिन पूजा करते समय कुछ खास नियमों का पालन भी किया जाना चाहिए। अन्यथा पूजन का शुभ फल पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं हो पाता है। यहां 30  ऐसे नियम बताए जा रहे हैं जो सामान्य पूजन में भी ध्यान रखना चाहिए। इन बातों का ध्यान रखने पर बहुत ही जल्द शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।

ये नियम इस प्रकार हैं…

1. सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु, ये पंचदेव कहलाते हैं, इनकी पूजा सभी कार्यों में अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए। प्रतिदिन पूजन करते समय इन पंचदेव का ध्यान करना चाहिए। इससे लक्ष्मी कृपा और समृद्धि प्राप्त होती है।

2. शिवजी, गणेशजी और भैरवजी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।

3. मां दुर्गा को दूर्वा (एक प्रकार की घास) नहीं चढ़ानी चाहिए। यह गणेशजी को विशेष रूप से अर्पित की जाती है।

4. सूर्य देव को शंख के जल से अर्घ्य नहीं देना चाहिए।

5. तुलसी का पत्ता बिना स्नान किए नहीं तोड़ना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति बिना नहाए ही तुलसी के पत्तों को तोड़ता है तो पूजन में ऐसे पत्ते भगवान द्वारा स्वीकार नहीं किए जाते हैं।

6. शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं का पूजन दिन में पांच बार करना चाहिए। सुबह 5 से 6 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त में पूजन और आरती होनी चाहिए। इसके बाद प्रात: 9 से 10 बजे तक दूसरी बार का पूजन। दोपहर में तीसरी बार पूजन करना चाहिए। इस पूजन के बाद भगवान को शयन करवाना चाहिए। शाम के समय चार-पांच बजे पुन: पूजन और आरती। रात को 8-9 बजे शयन आरती करनी चाहिए। जिन घरों में नियमित रूप से पांच बार पूजन किया जाता है, वहां सभी देवी-देवताओं का वास होता है और ऐसे घरों में धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती है।

7. प्लास्टिक की बोतल में या किसी अपवित्र धातु के बर्तन में गंगाजल नहीं रखना चाहिए। अपवित्र धातु जैसे एल्युमिनियम और लोहे से बने बर्तन। गंगाजल तांबे के बर्तन में रखना शुभ रहता है।

8. स्त्रियों को और अपवित्र अवस्था में पुरुषों को शंख नहीं बजाना चाहिए। यह इस नियम का पालन नहीं किया जाता है तो जहां शंख बजाया जाता है, वहां से देवी लक्ष्मी चली जाती हैं।

9. मंदिर और देवी-देवताओं की मूर्ति के सामने कभी भी पीठ दिखाकर नहीं बैठना चाहिए।

10. केतकी का फूल शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए।

11. किसी भी पूजा में मनोकामना की सफलता के लिए दक्षिणा अवश्य चढ़ानी चाहिए। दक्षिणा अर्पित करते समय अपने दोषों को छोड़ने का संकल्प लेना चाहिए। दोषों को जल्दी से जल्दी छोड़ने पर मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होंगी।

12. दूर्वा (एक प्रकार की घास) रविवार को नहीं तोडऩी चाहिए।

13. मां लक्ष्मी को विशेष रूप से कमल का फूल अर्पित किया जाता है। इस फूल को पांच दिनों तक जल छिड़क कर पुन:  चढ़ा सकते हैं।

14. शास्त्रों के अनुसार शिवजी को प्रिय बिल्व पत्र छह माह तक बासी नहीं माने जाते हैं। अत: इन्हें जल छिड़क कर पुन: शिवलिंग पर अर्पित किया जा सकता है।

15. तुलसी के पत्तों को 11 दिनों तक बासी नहीं माना जाता है। इसकी पत्तियों पर हर रोज जल छिड़कर पुन: भगवान को अर्पित किया जा सकता है।

16. आमतौर पर फूलों को हाथों में रखकर हाथों से भगवान को अर्पित किया जाता है। ऐसा नहीं करना चाहिए। फूल चढ़ाने के लिए फूलों को किसी पवित्र पात्र में रखना चाहिए और इसी पात्र में से लेकर देवी-देवताओं को अर्पित करना चाहिए।

17. तांबे के बर्तन में चंदन, घिसा हुआ चंदन या चंदन का पानी नहीं रखना चाहिए।

18. हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी दीपक से दीपक नहीं जलाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति दीपक से दीपक जलते हैं, वे रोगी होते हैं।

19. बुधवार और रविवार को पीपल के वृक्ष में जल अर्पित नहीं करना चाहिए।

20. पूजा हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखकर करनी चाहिए। यदि संभव हो सके तो सुबह 6 से 8 बजे के बीच में पूजा अवश्य करें।

21. पूजा करते समय आसन के लिए ध्यान रखें कि बैठने का आसन ऊनी होगा तो श्रेष्ठ रहेगा।

22. घर के मंदिर में सुबह एवं शाम को दीपक अवश्य जलाएं। एक दीपक घी का और एक दीपक तेल का जलाना चाहिए।

23. पूजन-कर्म और आरती पूर्ण होने के बाद उसी स्थान पर खड़े होकर 3 परिक्रमाएं अवश्य करनी चाहिए।

24. रविवार, एकादशी, द्वादशी, संक्रान्ति तथा संध्या काल में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए।

25. भगवान की आरती करते समय ध्यान रखें ये बातें- भगवान के चरणों की चार बार आरती करें, नाभि की दो बार और मुख की एक या तीन बार आरती करें। इस प्रकार भगवान के समस्त अंगों की कम से कम सात बार आरती करनी चाहिए।

26. पूजाघर में मूर्तियाँ 1 ,3 , 5 , 7 , 9 ,11 इंच तक की होनी चाहिए, इससे बड़ी नहीं तथा खड़े हुए गणेश जी,सरस्वतीजी, लक्ष्मीजी, की मूर्तियाँ घर में नहीं होनी चाहिए।

27. गणेश या देवी की प्रतिमा तीन तीन, शिवलिंग दो,शालिग्राम दो,सूर्य प्रतिमा दो,गोमती चक्र दो की संख्या में कदापि न रखें।

28. अपने मंदिर में सिर्फ प्रतिष्ठित मूर्ति ही रखें उपहार,काँच, लकड़ी एवं फायबर की मूर्तियां न रखें एवं खण्डित, जलीकटी फोटो और टूटा काँच तुरंत हटा दें। शास्त्रों के अनुसार खंडित मूर्तियों की पूजा वर्जित की गई है। जो भी मूर्ति खंडित हो जाती है, उसे पूजा के स्थल से हटा देना चाहिए और किसी पवित्र बहती नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। खंडित मूर्तियों की पूजा अशुभ मानी गई है। इस संबंध में यह बात ध्यान रखने योग्य है कि सिर्फ शिवलिंग कभी भी, किसी भी अवस्था में खंडित नहीं माना जाता है।

29.  मंदिर के ऊपर भगवान के वस्त्र, पुस्तकें एवं आभूषण आदि भी न रखें मंदिर में पर्दा अति आवश्यक है अपने पूज्य माता –पिता तथा पित्रों का फोटो मंदिर में कदापि न रखें,उन्हें घर के नैऋत्य कोण में स्थापित करें।

30. विष्णु की चार, गणेश की तीन,सूर्य की सात, दुर्गा की एक एवं शिव की आधी परिक्रमा कर सकते हैं।

Event Date : 16-Jun-2021

कारोबारी समस्याओं का निवारण

मेष राशि

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार 186 दिन करें। अपने घर में घी और तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करने के बाद घी वाले दीपक एक इलायची डाल दें। तेल के दीपक में एक लौंग डाल दें। और शुद्ध आसन पर बैठ कर पांच पाठ शनि चालीसा व पांच पाठ हनुमान चालीसा और एक माला ऊँ कमलालये नम: मंत्र का जाप करें। अवश्य लाभ मिलेगा।

2. प्रत्येक सप्ताह घर में फर्श पर पोछा लगाते समय थोड़ा सा नमक अवश्य मिला दें। नमक से मिले पानी से पोछा लगाने से घर कर नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होगी। अवश्य धन का आगमन होगा।

वृषभ राशि 

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार 40 दिन करें। अपने घर में घी का दीपक जलाकर उसमें 7 दानें अरहर की दाल के डालें। वहीं शुद्ध आसन पर बैठकर ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: की तीन माला जाप करें और भगवान शिव के षडाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय की एक माला जाप करें। तत्तपश्चात श्री शनिदेव का तेलाभिषेक करने से धन की प्राप्ति अवश्य होगी।

2. हर रोज नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत प्रात:काल गृहलक्ष्मी सर्वप्रथम मुख्य द्वार पर एक लोटा जल डाले तो धन का आगमन अवश्य होगा।

मिथुन राशि

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार पूरे वर्ष करें। हर बुधवार श्रद्धानुसार हरा चारा गाय को डालें। बुधवार के दिन हरी चूडिय़ा, हरी वस्तु एवं सवा पांच किलो साबुत मूंग एवं श्रद्घानुसार दक्षिणा किन्नर को दान देना बहुत अनुकूल रहेगा। तत्तपश्चात घर में घी का दीपक जलाकर ॐ शं लक्ष्मीप्रदाय नम: मंत्र की 5 मालाऔर 1 माला ऊँ श्री ह्रीं क्लीं श्रिये नम: मंत्र का जाप करें।

2. दुकान और तिजोरी के आसपास लक्ष्मी और गणेश की तस्वीर अवश्य लगाएं।

कर्क राशि

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार 21 शनिवार करें। प्रत्येक शनिवार नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत भगवान श्रीशनिदेव की मूर्ति का स्पर्श करने के पश्चात सरसों के तेल का अभिषेक करें। घर आकर घी का दीपक जलाएं। दीपक सात दाने अखंडित चावल के डाल दें। एक माला ऊँ ह्रीं श्रीं नम:। मंत्र की और तीन माला ॐ शं धरणीधाराय नम: मंत्र का जाप करें।

2. हर रोज नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत जलते हुए उपले पर थोड़ा सा लोबान डालकर पूरे घर में घुमाएं। अवश्य धन का आगमन होगा।

सिंह राशि

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार 31 शनिवार करें। प्रत्येक शनिवार के दिन नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत भगवान शनिदेव का तेलाभिषेक पूजन और दर्शन करने के उपरांत घर में घी का चौमुखा दीपक जलाएं। और 11 पाठ सुंदर काण्ड का और 1 माला ऊँ श्रीं नम: मंत्र का जाप और 1 माला ॐ शं छायाआत्मजाय नम: मंत्र का जाप करें। अवश्य लाभ मिलेगा।

2. हर रोज पूजा के बाद अपने घर में चंदन की धूपबत्ती जलाना अति शुभकारी रहेगा। धन आगमन के लिए।

कन्या राशि

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार 186 दिन करें। हर राज नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत सूर्योदय से पूर्व या रात्रि 10 से 12 बजे के बीच में अपने घर के पूजा स्थान 11 घी के दीपक जलाएं। प्रत्येक दीपक एक लौंग व एक इलायची डाल दें। 11 पाठ दुर्गा अर्घला स्तोत्र का पाठ करें। एक माला ऊँ ह्रीं नम: और एक माला ॐ शं भानवयै नम: मंत्र का जाप करें।

2. घर के मुख्य द्वार के सामने गोबर से एक जगह को लिप पोत कर शुद्ध करके उस पर कुंकुंम से त्रिकोण बनाएं। त्रिकोण के ऊपर सूर्यास्त और सूर्योदय से पूर्व घी का दीपक अवश्य जलाएं।

तुला राशि

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार 186 दिन करें। सर्वप्रथम किसी भी शनिवार के दिन अपने घर तुलसी का पौधा लगाएं। हर रोज नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत तुलसी के पौधे के सामने 5 घी के दीपक जलाएं और वहीं शुद्ध असान पर बैठकर पांच पाठ विष्णु सहस्रनाम का पाठ और 1 माला ऊँ ह्रीं पद्मे स्वाहा और 1 माला ॐ शं लक्ष्मीप्रदाय नम: मंत्र का जाप करें।

2. किसी भी माह के शुक्लपक्ष की अष्टमी के दिन रात्रि 10 बजे के आस-पास नहाने के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें। मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए एक नारियल पर चमकीला लाल वस्त्र लपेट कर धन स्थान पर रखने से धन में निरंतर वृद्धि होती है।

वृश्चिक राशि

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार 21 शनिवार करें। प्रत्येक शनिवार नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत हनुमान जी के आगे 8 शुद्ध देसी घी के दीपक जलाएं। प्रत्येक दीपक एक डली गुड़ और 7 दानें साबूत मसूर के डाल दें। वहीं शुद्ध आसन पर बैठकर बजरंग बाण का करें। कारोबार में लाभ मिलेगा। 1 माला ऊँ ह्रीं श्रीं नम: और 1 माला ॐ शं वीरूपाक्षाय नम: मंत्र का जाप करें।

2. एक पात्र में जल लेकर उसमें पुष्प, कुंकुंम और चावल डालकर सूर्योदय से पूर्व बरगद के वृक्ष में अर्पित करने से भी धन में वृद्धि होती है।

धनु राशि

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार 172 दिन करें। हर रोज नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत सूर्योदय से पूर्व अपने घर में चौमुखा सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें 7 जोड़े चने की दाल डाल दें। शुद्ध आसन पर बैठकर पांच माला ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीदं। श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्म्ये नम:। 1 पाठ दशरथकृतशानि स्तोत्र का करें। और 1 माला ॐ शं भव्याय नम: मंत्र का जाप करें।

2. किसी भी गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन 12 अंगुल पलाश की लकड़ी श्रद्घापूर्वक इष्ट देव का ध्यान करते हुए ऊँ ह्रीं श्रीं नम: मंत्र का जाप करते हुए घर के ईशान कोण में गाड़ देने से अवश्य धन संबंधी समस्याओं का निवारण होगा।

मकर राशि

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार 40 शनिवार करें। प्रत्येक शनिवार नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत उड़द की दाल के 7 बड़े बनाएं उसको रोटी पर रखकर शुद्ध पात्र में रख दें। सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाएं। ऊँ ह्रीं श्रीं क्ली ह्रसौ: जगत्प्रसूत्ययै नम: मंत्र की पांच माला जाप करें। एक पाठ संकटमोचन हनुमाष्टक का करें और एक माला ॐ शं हनुमतप्रियाय नम: मंत्र का जाप करें।

2. गाय के गोबर का छोटा सा दीपक बनाकर उसमें तिल का तेल डालकर चार बत्तियां डालकर प्रज्ज्वलित करें। उसमें गुड़ की डली डाल दें। उसके इस दीपक को पूरे में घुमाकर घर के मुख्य द्वार के मध्य में रख दें अवश्य लाभ मिलेगा।

कुंभ राशि

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार 186 दिन करें। उड़द के आटे के 108 गोली बनाकर शुद्ध पात्र में रख दें। तत्तपश्चात सरसों के तेल का दीपक जलाकर उसके सामने रख दें। शुद्ध आसन पर बैठकर ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं नमो भगवति माहेश्वरि अन्नपूर्णे स्वाहा। मंत्र की 3 माला जाप करें। 1 माला ॐ शं कृष्णभक्ताय नम: मंत्र का जाप करें। तत्तपश्चात यह उड़द के आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें।

2. किसी भी शनिवार के दिन पके हुए मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंग दें। उसमें जटा वाला नारियल रखकर घड़े के मुंह पर कलावा बांध कर बहते पानी में प्रवाह कर दें।

मीन राशि

1. किसी भी शनिवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें और लगातार 40 दिन नियमित करें। अपने इष्ट देवता के सामने घी का दीपक जलाएं। उसमें एक साबुत हल्दी की गांठ रख दें। पांच पाठ सिद्घ कुंजी का स्तोत्र का और 3 माला ऊँ ह्रीं पद्मे स्वाहा और 3 माला ॐ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करें।

2. चीनी के बने शिवलिंग की श्रद्घापूर्वक पूजन करने से धन लाभ में अवश्य लाभ मिलता है।

Event Date : 16-Jun-2021

आसान टोटकों से बदले भाग्य

अकसर कहा जाता है कि हमारे कर्मों से ही समय बदल सकता है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में बुरा समय चल रहा है तो वह ज्योतिष के अनुसार बताए गए कुछ उपाय अपनाकर उसे अच्छे दिनों में बदल कर सकता है। यहां कुछ छोटे-छोटे उपाय बताए जा रहे हैं, इनमें से यदि कोई एक उपाय भी नियमित रूप से किया जाए तो निश्चित ही आपका बुरा समय अच्छे समय में धीरे-धीरे बदल जाएगा। जन्म कुंडली में कालसर्प योग होने पर व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस योग के कारण व्यक्ति बैचेन रहता है, मानसिक अशांति बनी रहती है। कार्यों में सफलता नहीं मिलती। पैसों की तंगी बनी रहती है। पारिवारिक सुख नहीं मिल पाता। इससे निपटने के लिए ज्योतिष में कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं

यहां बताया गया है कि किस प्रकार बुरे समय को अच्छे समय में बदला जा सकता है

जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने वाला यह उपाय शनिवार के दिन किया जाना चाहिए। शनिवार शनि देव का दिन माना गया है। इस दिन शनि के निमित्त विशेष पूजन, दान या धार्मिक कर्म करने से कई प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में है या किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो शनिवार के दिन विशेष उपाय करने चाहिए।

शनिदेव की शुभ दृष्टि प्राप्त करने के लिए किसी भी शनिवार से यह उपाय शुरू करें। इस उपाय के अनुसार आपको लगातार सात शनिवार तक बिना विलंब एक-एक नारियल किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करना है। साथ ही नारियल प्रवाहित करते समय ऊँ रामदूताय नम: मंत्र का जप करें।

लगातार सात शनिवार इस प्रकार करने से समस्याओं का प्रभाव कम हो जाएगा और हनुमानजी के साथ ही शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होगी।इसके अलावा प्रति मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। हनुमानजी के भक्तों पर शनिदेव का कुप्रभाव नहीं होता है।

हर शनिवार को किसी पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाने और सात बार परिक्रमा करने से भी शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।

हर शनिवार किसी काले कुत्ते को तेल लगी हुई रोटी खिलाना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार कुत्ते को रोटी खिलाने से शनि के दोष शांत होते हैं।

शनिवार के दिन तेल का दान करें। शनि देव के दर्शन करें और शनि मंत्र का जप करें।

शनि मंत्र:

ऊँ शं शनैश्चराय नम:

प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
मंत्र ऊँ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम्पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात।।

प्रतिदिन किसी शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित करें। साथ ही ऊँ नम शिवाय मंत्र का जप करें।

नियमित रूप से श्रीकृष्ण की पूजा करें और इस मंत्र का जप करें। मंत्र:
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:

किसी शुभ मुहूर्त में चांदी का नाग का जोड़ा बनवाएं और उसकी पूजा करके किसी पवित्र नदी में श्रद्धापूर्वक प्रवाहित करें।

शनिवार के दिन काले घोड़े की नाल का छल्ला मध्यमा अंगुली यानी मीडिल फिंगर में पहनें। इससे भी शनि दोष शांत होता है।

प्रतिदिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और बिल्व पत्र अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने पर शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है।

समय-समय पर गरीब लोगों को काले कंबल का दान करना चाहिए। शनि देव गरीबों की मदद करने वाले लोगों से विशेष स्नेह रखते हैं और उन्हें कष्ट नहीं देते हैं।

शास्त्रों के अनुसार गाय, पक्षी, कुत्ता, चींटियां और मछली से हमारे जीवन की सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं। यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से गाय को रोटी खिलाएं तो उसके ज्योतिषीय ग्रह दोष नष्ट हो जाते हैं। गाय को पूज्य और पवित्र माना जाता है, इसी वजह से इसकी सेवा करने वाले व्यक्ति को सभी सुख प्राप्त हो जाते हैं। इसी प्रकार पक्षियों को दाना डालने पर आर्थिक मामलों में लाभ प्राप्त होता है। व्यवसाय करने वाले लोगों को विशेष रूप से प्रतिदिन पक्षियों को दाना अवश्य डालना चाहिए।

यदि कोई व्यक्ति दुश्मनों से परेशान हैं और उनका भय हमेशा ही सताता रहता है तो कुत्ते को रोटी खिलाना चाहिए। नियमित रूप से जो कुत्ते को रोटी खिलाते हैं उन्हें दुश्मनों का भय नहीं सताता है। कर्ज से परेशान से लोग चींटियों को शक्कर और आटे डालें। ऐसा करने पर कर्ज की समाप्ति जल्दी हो जाती है।जिन लोगों की पुरानी संपत्ति उनके हाथ से निकल गई है या कई मूल्यवान वस्तु खो गई है तो ऐसे लोग यदि प्रतिदिन मछली को आटे की गोलियां खिलाते हैं तो उन्हें लाभ प्राप्त होता है। मछलियों को आटे की गोलियां देने पर पुरानी संपत्ति पुन: प्राप्त होने के योग बनते हैं।

वास्तु अनुसार पैसा रखने से आपका धन सुरक्षित रहेगा, साथ ही उसमें बरकत भी बनी रहेगी। परिवार के आय के स्रोतों में बढ़ोतरी होती है।वास्तु के अनुसार धन के देवता कुबेर का स्थान उत्तर दिशा में माना गया है। उत्तर दिशा में कुबेर के प्रभाव से धन की सुरक्षा होती है और समृद्धि बनी रहती है। इसका मतलब यही है कि हमें अपने नकद धन को उत्तर दिशा में रखना चाहिए। हर व्यक्ति के लिए नकद धन के लिए अलग कमरा बनवाना संभव नहीं है। कुछ लोगों के यहां ही पैसा रखने के लिए अलग कमरे की सुविधा उपलब्ध रहती है। 

जिन लोगों के यहां पैसा रखने के लिए अलग कमरा नहीं है वे अपना धन उत्तर दिशा के किसी भी कमरे में रख सकते हैं। ध्यान रखें कमरा पूरी तरह सुरक्षित हो और वहां चोरी आदि का भय नहीं होना चाहिए। धन को इस स्थान पर रखने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।धन को उत्तर दिशा में रखना चाहिए और रत्न, आभूषण आदि दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। इसके पीछे यह कारण है कि नकद धन आदि हल्के होते है, इसलिए इन्हें उत्तर दिशा में रखना वृद्धिदायक माना जाता है। जबकि रत्न आभूषण में वजन और मूल्य अधिक होता है, इसलिए ये चीजें विशेष स्थान पर ही रखी जा सकती है। इन चीजों के लिए तिजोरी या अलमारी श्रेष्ठ रहती है और ये काफी भारी होती है। 

भारी सामान रखने के लिए दक्षिण दिशा श्रेष्ठ मानी जाती है। अतरू रत्न और आभूषण को दक्षिण दिशा में रखा जा सकता है।

Event Date : 16-Jun-2021

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